bpl-n1868149-large

श्योपुर : आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक कराहल में संचालित स्कूलों के लिए सरकार ने तीन करोड़ रुपए से अधिक का बजट भेजा था। स्कूलों में छात्रों की सुविधाओं के लिए आए इस बजट को आदिम जाति कल्याण विभाग के अफसरों ने ठिकाने लगा दिया है। जानकारी मांगने पर विभाग के अधिकारी करीब 30 लाख रुपए खर्च होना बता रहे हैं। जबकि 3 करोड़ से अधिक का सामान खरीदा गया है। जिससे अधिकारियों द्वारा झूठ बोलकर गुमराह किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक शासन ने आदिवासी बच्चों के लिए स्कूलों में फर्नीचर, अलमारी, कुर्सियां सहित अन्य सामान खरीदने के लिए साल 2015-16 में बजट जारी किया था। साल की समाप्ति में बजट लैप्स होने से बचाने के लिए अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर 3 करोड़ का बजट आनन फानन में खर्च कर दिया। दूसरा वित्तीय साल 2016-17 में सामान स्कूलों में भिजवाना दिखा दिया। सप्लायरों को लाखों के बिलों का भुगतान किया है।

जानकारी नहीं लाते अधिकारी, 5 बैठकें हो चुकी हैं स्थगित

जिला शिक्षा समिति की बैठकों में आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त जब भी आते हैं, जानकारी नहीं लाते। आज तक कोई हिसाब नहीं दिया। इसलिए 5 बैठकें अभी तक स्थगित हो चुकी हैं। अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। घोटाले के पूरे आसार हैं। हम जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे। -सीमा जाट, अध्यक्ष, जिला शिक्षा समिति एवं उपाध्यक्ष जिपं श्योपुर

समिति नहीं दे रही आय-व्यय की जानकारी

जिला पंचायत की बैठकों में पिछले दो साल से आय-व्यय की जानकारी मांग रहे हैं। अधिकारी आज तक जानकारी नहीं दे पाए हैं। करोड़ों रुपए खर्च कहां कर दिया है, अफसर मौन साधकर रह जाते हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 3 करोड़ का सामान खरीदी का मामला गंभीर है। जांच करवाएंगे। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी होगी। -कविता मीणा, अध्यक्ष, जिला पंचायत श्योपुर

शिक्षा समिति को नहीं दी आय-व्यय की जानकारी

जिला शिक्षा समिति की बैठक में 2 साल से आय-व्यय की जानकारी मांगी जा रही है। लेकिन आज तक अध्यक्ष और सदस्यों को जानकारी नहीं दी है। सहायक आयुक्त खर्च का ब्यौरा देने से इनकार भी कर चुके हैं। जिससे अफसरों की मनमानी खुलकर सामने आ रही है। वहीं तीन करोड़ रुपए खर्च करने वरिष्ठ अफसरों की कमेटी तक का अनुमोदन नहीं है। खरीदी के बाद भौतिक सत्यापन तक नहीं कराया है। जिससे खरीदी का मामला पूरी तरह से फर्जी नजर आ रहा है। वहीं विभाग के अधिकारियों ने लाखों के बिलों का भुगतान शिवपुरी और ग्वालियर के सप्लायरों को किया है।

विधान सभा में फिर से उठाएंगे मामला

विधायक दुर्गालाल विजय का कहना है कि उन्होंने विधानसभा में प्रश्न लगाया था। विधानसभा ने जांच कराई है। जांच में क्या सामने आया है, 17 जुलाई को विधानसभा में पूछेंगे। मामला गंभीर है। इस मामले की गहन जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे।

1 साल पहले विसं में गूंजा मामला, रिकॉर्ड में सिर्फ 30-35 लाख के बिल मिले

आरटीआई से खुलासा, रिकॉर्ड में हैं सिर्फ 30 लाख के बिल, अफसरों का पकड़ा झूठ

श्योपुर विधायक दुर्गालाल विजय ने विधानसभा में सामान खरीदी को लेकर प्रश्न लगाया था। अभी तक क्या जवाब आया, यह खुद विधायक को जानकारी नहीं है। इसी मामले में सूचना के अधिकार के तहत पिछले महीने आवेदन लगाकर जानकारी मांगी। आदिम जाति कल्याण विभाग में शुक्रवार को जानकारी लेने पहुंचे। जहां जो जानकारी बताई, उसके अनुसार साल 2015 में सामान खरीदना स्वीकारा है। लेकिन राशि करीब 30 लाख रुपए दर्शा रहे हैं। जबकि जिला कोषालय में साल 2015-16 में सामान खरीदी करीब 3 करोड़ की हुई है। जिससे अफसरों का झूठ पकड़ा गया है। दफ्तर से अन्य बिलों की फाइल कहां गायब कर दी हैं, यह गंभीर जांच का विषय बन गया है।

http://justicenews.co.in/Hindi/latest-sheour-news/26271