Posted by: Amalendu Upadhyaya 2014/07/04

 

नई दिल्ली। ऐतिहासिक महत्त्व की अहम फाइलें नष्ट करवाने का आदेश देकर नरेन्द्र मोदी सरकार विवाद में फंसती नजर आ रही है। गृह मंत्रालय से इन फाइलों को नष्ट करवाने के उसके आदेश के बारे में जो जानकारी मांगी गई है, वह सरकार के लिए दिक्कत खड़ी कर सकती  है।

संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य पुरुषोत्तम अग्रवाल ने इस बाबत गृह मंत्रालय से, सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी मांगी है, वह सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकती है। उन्होंने अखबारों में छपी खबरों का हवाला देते हुए मंत्रालय से यह पूछा है कि उन्हें यह पता चला है कि जगह की कमी व उसके प्रबंधन के चलते गृह मंत्रालय की तमाम पुरानी फाइलें नष्ट करने के आदेश दिए गए हैं। इनमें गांधीजी की हत्या के बाद हुई कैबिनेट की उस अहम बैठक की फाइल भी शामिल है, जिसमें औपचारिक तौर पर उनकी मृत्यु की घोषणा करने का फैसला किया गया था।

उन्होंने कहा कि आमतौर पर भारत सरकार पुराना रिकार्ड रखने के लिए इस संबंध में बनाए गए नियमों का पालन करती है। वैसे भी आजादी के तुरंत बाद के दस्तावेजों का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। उन्हें सुरक्षित रखना बेहद बहुत जरूरी है, भले ही केंद्र में सरकारें बदलती रहें। इतिहासकार महात्मा गांधी की हत्या, आपातकाल लगाए जाने के हालात की अपने अनुसार भले ही व्याख्या करते रहें, पर किसी भी व्यावहारिक चर्चा के लिए सरकारी रिकार्ड व दस्तावेज सहेज कर रखना व उसे उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है।

दुर्भाग्य से इस मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या जो फाइलें व दस्तावेज नष्ट किए जा रहे हैं, उनकी डिजिटल प्रतियां बनाई गई हैं? क्या उन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार या किसी ऐसे ही संस्थान में स्थानांतरित किया गया है? यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या इतिहासकार या इन महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों में रुचि रखने वाला कोई भी व्यक्ति इन्हें देख सकता है?  इसके साथ ही उन्होंने जो जानकारी मांगी है, वे इस प्रकार हैं।

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने जानना चाहा है कि क्या अखबारों में छपी ये खबरें सही हैं कि हाल ही में 20 मई के बाद गृह मंत्रालय से संबंधित काफी दस्तावेज व फाइलें नष्ट कर दी गईं हैं। क्या भारत सरकार के रिकार्ड रखने के नियमों का पालन करने के बाद ही इन्हें नष्ट किया गया? क्या अहम फाइलों का पता लगाकर उन्हें संभाल कर रख लिया गया है? क्या स्थायी फाइलों के डिजिटल रिकार्ड तैयार किए गए हैं?

यह भी बताएं कि स्थायी जरूरत वाली फाइलों व दस्तावेजों को कहां भेजा गया है? क्या ये फाइलें राष्ट्रीय अभिलेखागार, नेहरू स्मारक संग्रहालय व लाइब्रेरी या दूसरी लाइब्रेरी में भेजी गई हैं? अगर भविष्य में अध्ययन के लिए इन फाइलों में मौजूद जानकारी की जरूरत हो तो इन्हें कहां से हासिल किया जाए? उस आदेश की प्रति भी उपलब्ध करवाई जाए जो कि गृह मंत्रालय द्वारा इन फाइलों को नष्ट करने के बारे में जारी किया गया था।

 

Read more here – http://www.hastakshep.com/hindi-news/nation/2014/07/04/%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%9C%E0%A4%B2%E0%A4%B5%E0%A4%BE?