वो मजहबी रंग की बात करते है
पर इंसानी मजहब की बात नहीं करते
वो निवेश और विनिमेश की बात करते है
पर लोकतंत्र की बात नहीं करते
वो लहू के रंग की बात करते है
पर संबंधो की बात नहीं करते
वो नफरत और टकराव की बात करते है
पर एकता और विशवास की बात नहीं करते
वो इंसानी जात की बात करते है
पर इंसानियत की बात नहीं करते
वो आंसू बहाने की बात करते है
पर ख़ुशी बांटने की बात नहीं करते
वो टकराव और उन्माद की बात करते है
पर हाथ जोड़ने की बात नहीं करते
वो राज और राजनीति की बात करते है
पर सबके विकास की बात नहीं करते
वो वोट और नोट में खेल की बात करते हैं
पर इंसानी हक़ की बात नहीं करते
वो सियासी दांव पेच की बात करते है
पर इंसानी विशवास की बात नहीं करते
इंसानी विशवास की बात नहीं करते ….
November 24, 2016 at 5:51 pm
Voh ram aur rahim ko alag karte hai
Voh unmadonko joodte hai
Voh vote aur note ki baat karke
Voh galaa ghoot tey hai