votenote

वो मजहबी रंग की बात करते है

पर इंसानी मजहब की बात नहीं करते  

वो निवेश और विनिमेश की बात करते है

पर लोकतंत्र की बात नहीं करते

वो लहू के रंग की बात करते है

पर संबंधो की बात नहीं करते

वो नफरत और टकराव की बात करते है

पर एकता और विशवास की बात नहीं करते

वो इंसानी जात की बात करते है

पर इंसानियत की बात नहीं करते

वो आंसू बहाने की बात करते है

पर ख़ुशी बांटने की बात नहीं करते

वो टकराव और उन्माद की बात करते है

पर हाथ जोड़ने की बात नहीं करते

वो राज और राजनीति की बात करते है

पर सबके विकास की बात नहीं करते

वो वोट और नोट में खेल की बात करते हैं

पर इंसानी हक़ की बात नहीं करते

वो सियासी दांव पेच की बात करते है

पर इंसानी विशवास की बात नहीं करते

इंसानी विशवास की बात नहीं करते ….

के एम् भाई

cn.-8756011826