हरियाणा में खुलेगा गायों के लिए हाईटेक मसाज पार्लर, सरकार ने पास किया 3 करोड़ का बजट

यहां गायों के लिए हाइटेक मसाज पार्लर

सांकेतिक तस्वीर
हिसार
लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) ने देसी गायों की नस्ल सुधार व दूध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में लैब रीसर्च तेज कर दी है। यही नहीं यहां पर हरियाणा का पहला हाइटेक गाय फार्म प्रॉजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है। यहां गायों को फव्वारों से नहलाने और मसाज से लेकर उनकी पूरी सफाई और ग्रूमिंग का काम मशीनों से किया जाएगा। एक तरह से यह गायों का हाइटेक मसाज पार्लर होगा। इस पूरे सिस्टम को ऑटोमैटिक पार्लर नाम दिया जाएगा। मशीनें ही इन पशुओं का दूध निकालेंगी और उनकी जरूरत के हिसाब से चारा डाल देंगी। यह सब कंप्यूटराइज्ड होगा।लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के ऐनिमल जेनेटिक्स ऐंड ब्रीडिंग डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ एएस यादव ने बताया कि इस हाइटेक गाय फार्म के लिए लुवास को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 3 करोड़ रुपये का बजट मिला है।

यह गाय फार्म दो एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं और अब तक तीन विदेशी कंपनियों ने आवेदन कर भी दिया है। यह गाय फार्म अभी यूनिवर्सिटी के पुराने कैंपस में ही स्थापित किया जाएगा।

यह पूरा फार्म नट-बोल्ट के माध्यम से जुड़ा होगा और नया कैंपस बनने पर इसे शिफ्ट भी किया जा सकेगा। इस पूरे फार्म को केवल एक कर्मचारी आदमी कंप्यूटर पर बैठकर हैंडल कर सकेगा। इस हाइटेक गाय फार्म में लगाई जाने वाली मशीनरी और उसकी वर्किंग के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. यादव ने बताया कि दूध निकलने के बाद मशीन गाय के वेट, दूध की मात्रा आदि के हिसाब से ऑटोमैटिक ही चारा डाल देगी। इस चारे में उसकी जरूरत के मुताबिक सभी तरह के आवश्यक तत्व होंगे।

विश्वविद्यालय के ऐनिमल जेनेटिक्स ऐंड ब्रीडिंग डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.एस. यादव ने बताया कि इस हाईटेक गाय फार्म के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की तरफ से तीन करोड़ रुपये का बजट मिला है।

उन्होंने बताया कि यह फार्म दो एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं और अब तक तीन विदेशी कंपनियों ने आवेदन भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह गाय फार्म अभी यूनिवर्सिटी के पुराने कैंपस में ही स्थापित किया जाएगा।

डॉ. ए.एस. यादव ने कहा कि यह पूरा फार्म नट-बोल्ट के माध्यम से जुड़ा होगा और नया कैंपस बनने पर इसे आसानी से वहां शिफ्ट भी किया जा सकेगा। इस पूरे फार्म को केवल एक कर्मचारी कंप्यूटर के जरिए हैंडल कर सकेगा।

उन्होंने बताया कि दूध निकलने से लेकर, चारा डालने, गायों का वजन देखने, दूध मापने जैसे काम भी ऑटोमैटिक मशीनों के जरिए किए जाएंगे।

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