Medha Patkar has issued a legal notice to the collector of Badwani district, for false accusation made by him in front of the CM and media that her JCB has been caught while engaged in illegal sand mining and he also alleged that the NBA activists are involved in such illegal activities. Calling it to be absolutely false, she demanded that the collector should submit and extend an apology for the charge and makes it public without which a criminal defamation case under the relevant sections of IPC has been filed against him.

 

 

 

सूचना पत्र – पंजीकृत डाक द्वारा

प्रति,

श्री तेजस्वी नायक (आई. ए. एस.),

पिता श्री एस. एच. नायक,

कलेक्टर बड़वानी (वर्तमान),

कलेक्टर कार्यालय बड़वानी,

जिला- बड़वानी (म.प्र.) – 451551

 

महोदय,

हमारे पक्षकार सुश्री मेधा पाटकर, नर्मदा-आशीष भवन, नयापुरा, बड़वानी द्वारा प्रदत्त जानकारी एवं निर्देशानुसार आपको इस सूचना पत्र के मध्याम से यह सूचित किया जाता है कि:-

 

यह कि, हमारे पक्षकार सुश्री मेधा पाटकर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता होकर किसानों, श्रमिकों, आदिवासियों, दलित, मछुआरों तथा समाज के अन्य पिछड़े वर्गों के साथ काम करती हैं | हमारे पक्षकार नर्मदा बचाओ आन्दोलन एवं जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की संथापक सदस्य हैं | साथ ही साथ खेती किसानी, जंगल के अधिकार एवं नदियों से जुड़े विभिन्न विषयों पर काम करते हुए पर्यावरणीय विषयों की गहरी समझ रखती हैं, हमारे पक्षकार को मानवाधिकार एवं पर्यावरण से जुड़े क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हेतु, कई राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हैं, जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा प्रदत्त “ह्युमन राइट्स डिफेंडर पुरस्कार”, राइट लाइवलीहुड पुरस्कर, गोल्डमैन इनवायरमेंट पुरस्कार, बी.बी.सी. द्वारा दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय पोलिटिकल कम्पेनर पुरस्कार, डॉ. अम्बेडकर पुरस्कार, महात्मा फुले पुरस्कार एवं कई अन्य पुरस्कारों से नवाजा गया है | हमारे पक्षकार ने बाँधो  पर निर्मित विश्व आयोग की आयुक्त होकर “बड़े बाँध एवं उनके प्रभावों” पर अध्ययन किया हैं | हमारे पक्षकार द्वारा मुंबई के बड़े-बड़े घोटालों जैसे आदर्श सोसायटी घोटाला, लवासा सोसायटी घोटाला, हीरानंदानी घोटाला उजागर करने में एवं माननीय सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रकरण दायर करने में महत्पूर्ण भूमिका निभाई है |

यह कि, हमारे पक्षकार द्वारा महाराष्ट्र, केरेला, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में अवैध रेत खनन एवं उससे पर्यावरण पर होने वाले दुष्परिणामों पर आवाज उठाई है | हमारे पक्षकार द्वारा “अवैध रेत खनन” के विरूद्ध माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के समक्ष याचिकाएं दायर कर स्वयं उन याचिकाओं में पैरवी भी कर रहीं हैं | यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि हमारे पक्षकार द्वारा दायर याचिकाओं में ही नर्मदा नदी के किनारे हो रहे अवैध खनन पर रोक लगी है, परन्तुं उक्त आदेश का परिपालन आप क्रमांक 1 द्वारा सही तरह से नहीं किया जा रहा है | हमारे पक्षकार एवं उनके अन्य ग्रामीण सहयोगियों द्वारा कई अवैध रेत खनन करने वाले व्यक्तियों को रोका गया हैं एवं उनके खिलाफ फौजदारी कार्यवाही सुनिश्चित कराई गई है| जिस कारण उनके कई साथियों को लगातार धमकियां भी मिलती रहती हैं |

यह कि, विगत 32 वर्षों से हमारे पक्षकार नर्मदा घाटी में विस्थापितों के बुनियादी अधिकारों के लिए अहिंसक संघर्ष एवं सत्याग्रह कर रही हैं | साथ ही साथ न्यायसंगत पुनर्वास की पक्षधर हैं |

यह कि, दिनांक 31/05/2017 को न्यूज़ चैनल, “इंडिया न्यूज़, मध्य प्रदेश” पर लगभग शाम की ब्रेकिंग न्यूज़ पर प्रदर्शित खबर (जिसे बार बार बाद में भी इंडिया न्यूज़ एवं अन्य न्यूज़ चैनलों पर भी दिखाया गया) से एवं दिनांक 01/06/2017 के दैनिक नईदुनिया समाचार पत्र में प्रकाशित खबर जिसका शीर्षक “मेधा पाटकर को पौधे लगाने का निमंत्रण दें: सीएम, रेत खनन करती उनकी जेसीबी पकड़ी : कलेक्टर” तथा इंदौर एवं बड़वानी के कई शुभचिंतकों द्वारा उक्त खबरों की जानकारी भी हमारी पक्षकार को दी गई एवं देश के विभिन्न हिस्सों में इस सम्बन्ध में उनसे कई सवाल भी पूछे गये |

यह कि, उक्त खबरों के अनुसार भोपाल में एक बैठक के दौरान माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा यह कहने पर कि हमारे पक्षकार को भी “पौधा रोपण अभियान” में आमंत्रित किया जाये, तो आपके द्वारा यह आरोप लगाया कि, हमारे पक्षकार की मालकी एवं आधिपत्य के जे.सी.बी. रेत खनन करते पकड़े गए हैं |  आपके द्वारा हमारे पक्षकार की प्रतिष्ठा को क्षति पहुँचाने की बदनियती से असत्य, अनर्गल, तथा बे-बुनियाद आरोप लगाते हुए समाचार प्रसारित करवाया गया | यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि हमारे पक्षकार न्यायसंगत पुनर्वास के पक्षधर हैं, तथा उनके द्वारा समय-समय पर नर्मदा घाटी एवं अन्य क्षेत्रों में शासन द्वारा चलाई जा रही दमनकारी नीतियों एवं असंवैधानिक कार्यप्रणालियों का पुरज़ोर विरोध करते हुए कई आन्दोलन किये गए हैं | हमारे पक्षकार द्वारा आपके द्वारा मनमानी पूर्वक कार्यवाहियों की शिकायत भी उच्च पदाधिकारियों से की गई हैं | आपके द्वारा दुर्भावनापूर्वक हमारे पक्षकार की ख्याति की अपहानि करने की बदनियती से असत्य व् कपोलकल्पित लांछन लगाये गए हैं |

यह कि, आपके द्वारा दिया गया उक्त बयान केवल हमारे पक्षकार की छवि ख़राब करने, उन्हें बदनाम करने एवं अनुचित रूप से परेशान करने की बदनियती से दिया गया बयान, आपके अर्थात एक “जिलाधीश” के द्वारा दिया गया बयान है और इससे आपके द्वारा अपने पद का दुरुपयोग किया गया है, और इस बयान द्वारा आपने जिलाधीश के पद की गरिमा को भी प्रभावित किया है साथ ही इस बयान से आपकी कार्यक्षमताओं, कार्यप्रणाली एवं विश्वसनीयता पर भी संदेह होता है |

यह कि, आपके द्वारा हमारे पक्षकार पर अवैध रेत खनन का असत्य, भ्रामक तथा बे-बुनियाद आरोप लगाया गया है एवं जिससे हमारे पक्षकार को घोर मानसिक त्रास कारित हुआ है होकर आपके द्वारा उनकी प्रतिष्ठा को भी धूमिल किया हुई है |

यह कि, जिलाधीश के पद पर होते हुए आपके द्वारा कारित किए गए उपरोक्त वर्णित कृत्य भारत के एक प्रतिष्ठित नागरिक पर आघात है एवं उसके संवैधानिक, मौलिक एवं नागरिक अधिकारों के हनन कि श्रेणी में भी आता है |

आपसे अपेक्षा है कि, इस सूचना पत्र की प्राप्ति के चार दिवस के भीतर आप हमारे पक्षकार से आपके द्वारा किए गए उपरोक्त कृत्यों की और आपके द्वारा हमारे पक्षकार कि छवि धूमिल करने के लिए लिखित रूप से एवं सार्वजनिक रूप से हमारी सहमति से तय की गई पद्धति अनुसार माफ़ी मांगेंगे अन्यथा हमारे पक्षकार आपके विरूद्ध “मानहानी” की कार्यवाही एवं अन्य क़ानूनी कार्यवाही करने हेतू स्वतंत्र होंगे | आपके विरूद्ध किए जाने वाले समस्त क़ानूनी कार्यवाहीयों में लगने वाले समस्त हर्जे-खर्चे एवं परिणामों की जवाबदारी आपकी होगी |

 

भवदीय,

 

 

प्रत्यूष मिश्र

(अभिभाषक)