✍🏻 विष्णु राजगढ़िया
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वे कैसे लोग रहे होंगे

जो हिटलर साथ रहे होंगे

जो हिटलर-हिटलर करते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

जो इंसानों में फर्क करें

जो धर्म-नस्ल की बात करें

जो खुद को श्रेष्ठ समझते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

जो झूठी खबरें गढ़ते थे

और जै-जैकारा भरते थे

जो हां-जी, हां-जी करते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

जो रोजी-रोटी भूल गए

जो प्यार-मुहब्बत भूल गए

जो तंगदिली में रहते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

जो एटम बम की बात करें

जो नफरत-वफरत खूब करें

जो रक्त-पिपासु रहते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

जो घरवालों को भूल गए

जो कल-परसों को भूल गए

जो झूठे दम में रहते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

जो घायल बच्चे छोड़ गए

जो आहत दुनिया छोड़ गए

जो विश्व विजय की जपते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

जो हिटलर-हिटलर करते थे

वे कैसे लोग रहे होंगे

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22.03.17