
मंडला, नईदुनिया प्रतिनिधि। चुटका परमाणु परियोजना विरोधी संघर्ष समिति द्वारा मंगलवार को आयोजित चेतावनी सभा में विभिन्न संगठनों और आदिवासियों द्वारा परियोजना को रद्द करने की मांग की गई। सभा में पहुंचीं समाजसेवी व नर्मदा बचाओ आंदोलन की अगुआ मेधा पाटकर ने कहा कि सरकार 101 ग्राम सभाओं की अवमानना कर रही है।
सरकार विकास के नाम पर आदिवासियों को विस्थापित कर रही है। चुटका परियोजना से नर्मदा खतरनाक नदी बन जाएगी। उन्होंने कहा कि आप ही हमारी आशा हैं विश्वास हैं। नहीं तो देश में न नर्मदा बचेगी न कोई अन्य नदी। बाद में संघर्ष समिति द्वारा राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर परियोजना रद्द करने व पुर्नवास कार्यक्रम रोकने की मांग की गई।
आदिवासियों की परवाह नहीं
मेधा पाटकर ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा में शिवराज हेलीकाप्टर से आते थे। सेवा यात्रा के नाम पर करोड़ों रुपए बरबाद कर दिए। अयोध्या के नाम पर बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है, लेकिन आदिवासियों की परवाह नहीं है। उन्होंने उपस्थित आदिवासी समुदाय से कहा कि प्रकृति के साथ आपका जुड़ाव ही जंगल को बचा सकता है। एक चुटका के लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। सरकार सरदार सरोवर का पानी कोका कोला को देती है। नर्मदा को यहां भी सुखा रही है।
पानी के लिए भी लड़ाई
उन्होंने कहा कि विस्थापितों का पुर्नवास करना सरकारों की बस की बात नहीं। पीने के पानी के लिए भी लड़ाई करना पड़ता है। मुख से निवाला छीन रही है सरकार। ग्राम सभा ने जब मंजूर नहीं किया है तो फिर दूसरी बार विस्थापन कैस होगा। सरकारों पर आरोप लगाते हुए मेधा पाटकर ने कहा कि जमीन,जंगल, जीवन सब कुछ बचाया जा सकता है। पर इनका सपना यह नहीं है। इनका सपना तो 5साल तक कुर्सी हथियानें का रहता है। हम आपके साथ लड़ाई में हैं।
हम लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे
हम किसी से भीख मांगने नहीं आए हैं। हम सब कुछ ताक पर पर रखकर लड़ेंगे तो जीतेंगे। मेधा ने कहा कि पानी का तापमान बढ़ता है तो मछली मर जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है क 0.5 प्रतिशत तापमान बढ़ेता तो असर होता है। हमें हर प्राकृतिक संसाधन बचाना है। प्राकृतिक संसाधानों पर हमें हक जताना है। मछली पर पहला अधिकार विस्थापित परिवारों का है। आदिवासियों से कहा कि पानी आपका, मछली आपकी, जंगल आपका है। उन्होंने ये नारे भी लगवाया कि जहां डूबी जमीन हमारी, पानी मछली कैसे तुम्हारी।
भूकंप का खतरा मोल लेने वाली योजना
मेधा पाटकर ने कहा कि चुटका परियोजना भूकंप का खतरा मोल लेने वाली योजना है। परियोजना से जुड़े संस्थान वाले कहते हैं 7 रिएक्टर का भूकंप आएगा तो भी बच जाएगा। बांध तो बचेगा लेकिन यहां के रहने वालों का क्या होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चेताया कि विधानसभा चुनाव दूर नहीं है। पीएम मोदी को भी गुजरात चुनाव में खुद को उतरना पड़ा है। चुटका परियोजना को को शिवराज के लिए परीक्षा बताया। अब पैसा फेको तमाशा देखो यह नहीं चलेगा। चुटका आदिवासी नेतृत्व के लिए चुनौती है। उन्होंने आदिवासियों से आह्वान किया कि ऐसी ताकत खड़ी कर दीजिए कि हर योजना में ग्राम सभा में सरकार को सलाम करना पड़े।
चुटका परियोजना एक धोखा है
जनपद अध्यक्ष निवास चैन सिंह वरकड़े ने कहा कि चुटका परियोजना से पहले बरगी बांध 162 गांव प्रभावित हुए। उनके लिए सरकारों ने क्या किया। सरकारों ने कोई सुध नहीं ली। विस्थापित परिवार कहा हैं। अब 800 परिवार फिर विस्थापित हो रहे हैं। मप्र सरकार एक बड़ी साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि विस्थापित परिवारों के लिए 375 करोड़ सरकार खर्च कर रही है। एक परिवार को लगभग 1 लाख 40 हजार के आवास बनाकर दे रही है। काफी कम राशि में आवास बन जाएंगे। बाकि पैसा कहां जाएगा। चुटका परमाणु परियोजना एक धोखा है।
आदिवासी विस्थापन के लिए अभिशप्त
गुलजार सिंह मरकाम ने कहा कि आदिवासी विस्थापन के लिए ही अभिशप्त हैं। प्रदेश में सबसे अधिक विस्थापन आदिवासियों का ही हो रहा है। जिले में आदिवासीयों का ही नेतृत्व है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आदिवासी समुदायक नेतृत्व होने के बाद भी आदिवासी ही इस दंश को झेल रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के बारे में कहा कि उन्हें केवल टिकट व पद की चिंता रहती है।
इसके लिए सारे के सारे जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं। खतरे पर डालने का काम जनप्रतिनधियों ने किया है। इन पर कभी भरोसा न करो। घटना यदि हुई तो मंडला भी नहीं बचेगा। उन्होंने आदिवासियों से आव्हान किया कि सावधान हो जाओ, जो परमाणु बिजली घर का समर्थन करे उस वोट नहीं देना। नेताओं से एग्रीमेंट करवाओ तभी वोट देना।
विकास के नाम पर विनाश किया जा रहा
नारायणगंज जनपद के उपाध्यक्ष भूपेंद्र वरकड़े ने कहा कि ये संघर्ष,लड़ाई, विरोध सरकार के खिलाफ है। जमीन बचाने का संघर्ष है। उन्होंने कहा कि जमीन खत्म हो गई तो आदिवासियों की पहचान खत्म हो जाएगी। यह आने वाली पीढ़ी को बचाने की लड़ाई है। आज आदिवासियों के पास मात्र 3 प्रतिशत जमीन रह गई है। युवा साथियों से आव्हान किया कि हम जब तक जिंदा रहेंगे जमीन के लिए अंतिम दम तक लड़ते रहेंगे।
नहीं कर सके एक भी परमाणु घर चालू
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के विजय कुमार ने कहा कि सरकार ने कहा था कि 2020 तक 20 परमाणु संयंत्र चालू कर देंगे। पर एक भी चालू नहीं हो पाए। इसका एक ही कारण है कि परमाणु संयंत्र के खिलाफ लोग लड़ रहे हैं। परमाणु उर्जा को हमारे यहां लादा जा रहा है। जब दूसरे देश बंद कर रहे हैं। 30 किमी के दायरे में रेडियो धर्मिता परमाणु घर के आसपास फैलती है। लेकिन हवा से यह सैकड़ों किमी तक फैलती है। इसका प्रभाव मंडला के लोग भी सहेंगे। यह क चलता फिरता परमाणु बम जैसा है।
इन्होंने भी संबोधित किया
उमेश तिवारी रोको,टोको ठोको का्रंतिकारी मोर्चा, यश्वीर आर्याआजादी बचाओ आंदोलन, अरविंद श्रीवास्तव, आराधना भार्गव,सीपीएम सचिव बादल सरोज, उड़ीसा से प्रफुल्ल सोमंत्रा लोक शक्ति अभियान, जीडी बख्शी आदिवासी महासभा आदि लोगों ने संबोधित किया।
- आंदोलन को देखते हुए पुलिस बल बड़ी संख्या में शहर में तैनात रहा।
कलेक्ट्रेट परिसर में भी बल मौजूद रहा।
लेकिन देर शाम तक सभा होने से सभा स्थल में ही एसडीएम मणींद्र सिंह को मंच में ही ज्ञापन दिया गया।
सभा स्थल में भी बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
लेकिन शांतिपूर्ण कार्यक्रम रहा।
मीडिया से चर्चा में पाटकर ने ये भी कहा
- नर्मदा को रेडियाधर्मी बना रहे हैं।
शिवराज की नर्मदा सेवा यात्रा के बारे में कहा कि उर्जा के नाम पर विकास के नाम पर खेल चल रहा है। उसी को छुपाने यह यात्रा की गई।
ग्राम पंचायतों को रेत उत्खनन का अधिकार दे दिया गया है। अब इससे और अधिक रेत अवैध रूप से बेहिसाब निकलेगी।
ऐसे में अब नर्मदा यमुना बन जाएगी।
शिवराज ने मेवा कमाने नर्मदा सेवा यात्रा की।
चुटका परियोजना शिवराज की परीक्षा है।
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December 15, 2017 at 4:05 pm
The proposal of dam will affect people living on the banks to a great extent. Medha Patkar is rightly voicing concern