In Amla bLock, Betul District in MP, health officials have shown false cases(names of women who have already undergone tubectomy) on record to fulfill target and taken the incentives.

बैतूल। जिले में स्वास्थ्य विभाग महिलाओं की नसबंदी का टारगेट पूरा करने के लिए कागजों में बड़े पैमाने पर आपरेशन दिखाकर फर्जीवाड़ा करने में जुटा हुआ है। पहले से नसबंदी करा चुकी महिलाओं का शिविर में आपरेशन करने के फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी राशि डकारी जा रही है।
नसबंदी आपरेशन के नाम पर किए जा रहे इस फर्जीवाड़े का खुलासा आमला ब्लाक में पिछले साल किए गए आपरेशनों के दस्तावेजों को खंगालने के बाद हुआ है। केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में फर्जीवाड़े का मामला उजागर होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।
आमला ब्लाक में बीएमओ का प्रभार देख रहे रजनीश शर्मा की निगरानी में स्वास्थ्य अमले ने नसबंदी आपरेशनों का टारगेट पूरा कर वाहवाही लूटने के साथ ही महिलाओं को मिलने वाली क्षतिपूर्ति की राशि डकारने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।
नसबंदी के सारे दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद यह सामने आया कि आधा दर्जन से अधिक मामले फर्जी हैं। आमला ब्लाक में पदस्थ रहने के दौरान बीएमओ शर्मा की देखरेख में काउंसलर समेत अन्य की मिलीभगत से पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम देकर हजारों की राशि डकार ली है। जिन महिलाओं के आपरेशन बीएमओ ने शिविर में किए जाने के फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं उनमें से कई का तो एक साल पहले ही आपरेशन किया जा चुका है।
दो साल पहले वरूड़ में नसबंदी हुई, बीएमओ ने आमला में फिर होना बता दिया
आमला ब्लाक के बोरदेही अस्पताल में 30 मार्च 16 को लगाए गए नसबंदी शिविर में ग्राम बोरदेही की योगिता पति संजय प्रजापति(28) का नसबंदी आपरेशन करने का दावा बीएमओ ने किया है। योगिता के सारे दस्तावेज तैयार किए गए और प्रमिला धुर्वे ने बतौर काउंसलर उसे समझाइश भी दी। जब पड़ताल की गई तो यह हकीकत सामने आई है कि प्रमिला का नसबंदी आपरेशन 15 नवंबर 2015 को महाराष्ट्र के वरूड़ में स्थित डॉ. आंडे के अस्पताल में किया जा चुका था।
नसबंदी के बाद क्षतिपूर्ति तक दे दी, जबकि एक ऑपरेशन दो साल पहले हुआ था
ब्लाक के ग्राम रमली निवासी ममता पति संतोष अलोने (25) का 30 मार्च 2016 को नसबंदी आपरेशन बोरदेही अस्पताल में काऊन्सलर शांता डोंगरे और गवाह मोनू डोंगरे की मौजूदगी में कर क्षतिपूर्ति की राशि भी दे दी गई। जबकि हकीकत यह है कि ममता अलोने का नसबंदी आपरेशन 27 जुलाई 2015 को आठनेर के सरकारी अस्पताल में किया जा चुका था।
दो साल पहले काटोल में नसबंदी हुई, पिछले साल फिर शिविर में करना बताया
आमला ब्लाक में टारगेट पूरा करने के लिए नसबंदी कराने वाली महिलाओं के जो दस्तावेज स्वास्थ्य अमले ने तैयार किए हैं, उसमें कचरबोह निवासी संगीता पति राजेश बघोहे (28) का आपरेशन बोरदेही अस्पताल में 30 मार्च 2016 को किया जाना बताया गया है। जबकि हकीकत यह सामने आई कि संगीता का नसबंदी आपरेशन 26 नवंबर 2015 को महाराष्ट्र के काटोल अस्पताल में हो चुका था।
जिनका आपरेशन करना बताया, उस नाम का गांव में कोई है ही नहीं
आमला ब्लाक को नसबंदी आपरेशन के मामले में अव्वल लाने के फेर में बीएमओ रजनीश शर्मा की निगरानी में स्वास्थ्य अमले ने जो फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं, उनकी पड़ताल में यह सामने आया कि 2 महिलाएं तो ऐसी बताई जा रही हैं जो उस गांव में हैं ही नहीं।
30 मार्च 2016 को ग्राम डंगारिया की शीला पति बंशी (28) और आमला के वार्ड क्रमांक 7 निवासी पूनम पति गुड्डू का नसबंदी आपरेशन करने का कागजों में उल्लेख किया गया है। हकीकत तो यह है कि ये दोनों महिलाएं गांव और वार्ड में है ही नहीं।
आंखें बंद किए बैठे हैं आला अफसर
जिले में नसबंदी आपरेशनों में फर्जीवाड़ा कर टारगेट पूरा किया जा रहा है। ऐसा कर शासन की आंखों में जहां धूल झोंकी जा रही है वहीं सरकारी धन भी हड़पा जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर आंखे बंद किए बैठे नजर आ रहे हैं। सीएमएचओ, डीएचओ समेत अन्य अधिकारियों ने कभी इस मामले की पड़ताल तक करने की जहमत नहीं उठाई।
वे बोले….
नसबंदी करने के नाम पर यदि कहीं कोई गड़बड़ी की गई है तो मैं इसकी पूरी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सौरभ कुमार सुमन, प्रभारी कलेक्टर बैतूल
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April 20, 2017 at 9:56 pm
The matter of showing fulfilment of targets by inflating numbers is very pathetic