पत्रकारिता का अवार्ड पाकर पत्रकारों पर ही बरसे रवीश कुमार, कहा- न्यूज एंकर इस वक्त का सबसे बड़ा गुंडा
रवीश ने तंज भरे लहजे में कहा कि ‘पत्रकारिता पर कोई खतरा नहीं है, पत्रकार मौज में हैं और विकल्प की जगह विलय की पत्रकारिता कर रहे हैं।’

पहला कुलदीप नैयर अवार्ड हासिल करने के बाद बोलते रवीश। (Source: YouTube)
पत्रकारिता के दुनिया में अपने योगदान के लिए जाने-माने टीवी पत्रकार रवीश कुमार को पहला कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवार्ड दिया गया है। रविवार को एक समारोह में उन्हें अवार्ड के साथ-साथ 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार भी मिला। गांधी पीस फाउंडेशन द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में, वेटरन पत्रकार कुलदीप नैयर खुद के नाम पर शुरू हुए अवार्ड को देने के लिए मौजूद रहे। नैयर ने इस मौक पर कहा कि अवार्ड ऐसे समय में दिया जा रहा है कि जब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही बड़े वैचारिक मतभेद हों, मगर लोगों ने योगी आदित्यनाथ और बीजेपी को बहुमत दिया है, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। रवीश ने इस मौके पर कहा कि ‘न्यूज एंकर हमारे समय का सबसे बड़ा गुंडा है, जो जो विकल्प की आवाजों को दबाने के लिए रोजाना थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करता है।’ रवीश ने तंज भरे लहजे में कहा कि ‘पत्रकारिता पर कोई खतरा नहीं है, पत्रकार मौज में हैं और विकल्प की जगह विलय की पत्रकारिता कर रहे हैं। यह सब संयोग नहीं है बल्कि एक बड़ी डिज़ायन का हिस्सा है।’
रवीश ने कहा, ”ऐसे वक्त में जब राजनीति तमाम मर्यादायों को ध्वस्त कर रही है, अपमान के नए-नए मुहावरे गढ़ रही है। जब हमारी सहनशीलता कुचली जा रही है, तो खुद को सम्मानित होते हुए देखना दीवार पर टंगी उस घड़ी की तरफ देखना है जो टिक-टिक करती हैं।” उन्होंने कहा, ”इसी समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो एंकर को सम्मानित करने का जोखिम उठा रहे हैं।”
रवीश के अनुसार, ”अगर आप राजनीति में विकल्प खोजना चाहते हैं तो अंतर्विरोधों को सहेजना सीखिए। बहुतों को उनके समझौतों ने अधमरा कर दिया है। आज जो भी समय है, उसे लाने में उनकी भी भूमिका है जिनके पास बीते समय में कुछ करने की जवाबदेही थी।”
रवीश ने आगे कहा, ”राजनैतिक दलों में फिर से प्रवेश का आंदोलन करना पड़ेगा। फिर से इन दलों की तरफ लौटिए और संगठनों पर कब्जा कीजिए। वहां जो नेता बैठे हैं, वे नेतृत्व के लायक नहीं है। उन्हें हटा दीजिए। वे डरपोक लोग हैं।”
March 23, 2017 at 9:50 pm
He has rightly pointed out the loopholes in journalism and expressed his ire against the anchors who deal roughly