सरकारी स्कूल में दलित छात्र का जातिगत अपमान और मारपीट

सूअर की औलाद तथा ढ़ोलडा कहा और लातें मार कर घसीटते हुए स्कूल से निकाल दिया

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घटना का दिनांक -23 अप्रैल २०१४

पीड़ित का नाम –भगवती लाल लालावत

पिता का नाम –गोपाल लाल लालावत

उम्र -14 वर्ष

कक्षा -9 अ

विद्यालय का नाम –राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सरेरी,तहसील –हुरडा,जिला-भीलवाड़ा,राजस्थान

पुलिस थाना –रायला

घटना का प्रकार –शिक्षा में दलित भेद

आरोपी –विक्रम सिंह चौधरी

तथ्यान्वेषण का दिनांक -27 अप्रैल 2014

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तथ्यान्वेषी दल –

भंवर मेघवंशी ,सदस्य –मजदूर किसान शक्ति संगठन

दौलत राज नागोड़ा,अधिवक्ता ,संयोजक –डगर राजस्थान

परस राम बंजारा ,शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता

गणपत लाल बारेठ,जिला उपाध्यक्ष ,डगर भीलवाड़ा

हीरा लाल बलाई ,जिला महासचिव ,डगर ,भीलवाड़ा

ओमप्रकाश जैलिया,अम्बेडकर युवा संगठन ,शम्भुगढ़

हगामी लाल मारू,अम्बेडकर युवा संगठन ,शम्भुगढ़

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तथ्यान्वेषण का उद्देश्य –दलित उत्पीडन की घटना की सच्चाई को सामने लाना

बयान-1

भगवती लाल लालावत

पीड़ित दलित छात्र

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सर मैं सरकारी स्कूल में पढता हूँ.23 अप्रैल को चप्पल पहन कर स्कूल चला गया मेरे पैरों में छाले हो रखे है इसलिए मैं जूते नहीं पहन सकता .प्रार्थना में पि टी आई सर विक्रम सिंह जी ने मुझे

यह कहते हुए स्कूल से जाने के लिए कहा कि-सूअर की औलाद,ढ़ोलडे,घर जा और जूते पहन कर आ.मैंने कहा –सर मेरे पांव में समस्या है ,मैं जूते नहीं पहन सकता हूँ .यह सुन कर सर बोले –जब तक जूते नहीं पहन सके तब तक स्कूल नहीं मत आना .

मैं घर जाने लगा तो मेरे क्लास टीचर अब्दुल्ला सर ने मुझे क्लास में बिठा लिया कि तेरे पैरों में अलरजी है ,तू बैठ जा.

छठे पीरियड में पी टी आई सर ने मुझे देख लिया तो वो बहुत नाराज़ हुये,उन्होंने मुझे स्कूल के पीछे बुलाया और एक जोरदार थप्पड़ मार कर कहा कि-सूअर की औलाद,तुझे घर भेजा था ,गया क्यों नहीं ?

मैंने कहा –सर मुझे मत मारो,मेरी गलती नहीं है .अब्दुल्लाखान सर ने मुझे रोक लिया था .मेरे जवाब देने से विक्रम सर बहोत नाराज़ हो गए..बोले ..ढ़ोलडे,मुझसे जबान लडाता है ,तुझे बताता हूँ ..

फिर उन्होंने मुझे एक और थप्पड़ मारा.जिससे मैं नीचे गिर गया ,उन्होंने मेरे पांव पर पांव रखा और लातें मारने लगे ,जिससे मेरी फ़सली में चोट लगी ,मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी.

बाद में वो मुझे जातिगत गालियाँ देते हुए घसीट कर गेट तक ले गए और धमकी दी की-ढ़ोलडे अगर किसी को बताया तो टी सी काट कर स्कूल से निकाल दूंगा ..फिर मैं तो बेहोश हो गया ,मुझे कुछ भी मालूम नहीं की बाद में क्या हुआ ?

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बयान -2

मोहन लाल बैरवा

गवाह

23 अप्रैल को दोपहर के वक्त मैं खाना खा कर घर से चौराहे पर स्तिथ अपनी दुकान पर लौट रहा था कि मैंने देखा की स्कूल गेट पर शारीरिक शिक्षक विक्रम सिंह चोधरी भगवती लाल को कह रहा था –ढ़ोलडे ,वापस मत आना .बच्चा बेहोशी की हालत में था ,मैंने उसके परिजनों को सूचित किया तथा उसे हॉस्पिटल लेकर गया

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बयान -3

गोपाल लाल लालावत

पीड़ित छात्र के पिता

मुझे मोहन लाल बैरवा से जैसे ही मालूम हुआ तो मैं भागकर बच्चे के पास पंहुचा और उसे अस्पताल ले कर गया ,रायला के सरकारी स्वस्थ्य केंद्र में इलाज़ करवाया .तुरंत पुलिस को सूचना दी.प्राथमिकी दर्ज करवाई .भगवती को साँस लेने में परेशानी हो रही थी इसलिए उसे भीलवाडा केशव पोरवाल हॉस्पिटल ले गया ,जहाँ पर उसका डिजिटल एक्सरा करवाया .अभी भी इलाज़ चल रहा है.हमारी कारवाही करने के बजाय पुलिस और शिक्षा विभाग हमें ही समझाने की कोशिश कर रहा है.

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बयान -4

डॉ आर सी सामरिया

चिकित्सक

कई बार इस तरह की मारपीट से बच्चों को अंदरूनी चोट आ जाती है जो सामान्य एक्सरे में दिखाई नहीं पड़ती है ,इसलिए मैंने पीड़ित छात्र के पिता को डिजिटल एक्सरे की सलाह दी थी

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पुलिस कार्यवाही –

पीड़ित पक्ष ने घटना की जानकारी ज़रिये फ़ोन तुरंत रायला थाना को दी ,तकरीबन 3 बजे प्राथमिक सुचना रिपोर्ट 102/14 भा द स की धारा 341,323 और अजा जजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (1 )10 के तहत दर्ज की गयी तथा जाँच छगन सिंह ( आर पी एस ) वृताधिकारी गुलाबपुरा को सौंपी .जाँच अधिकारी ने 25 अप्रैल को घटना स्थल का दौरा किया तथा पीड़ित छात्र ,गवाह और फरियादी के बयान दर्ज किये.लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी .आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं हुयी है.

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शिक्षा विभाग की कार्यवाही –

सवालों के घेरे में आये शिक्षा विभाग ने आनन फानन में 23 अप्रैल को ही एक जाँच टीम गठित की ,दलित अत्याचार के मामले की जाच टीम में एक भी दलित जाँचकर्ता को शामिल नहीं किया जाना विभाग की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगाती है .जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक द्वितीय सत्य नारायण शर्मा ने बताया कि जाँच टीम में गागेडा उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य दिनेश चन्द्र शर्मा तथा

राजकीय माध्यमिक विद्यालय जुना गुलाबपुरा के प्रधानाध्यापक अनिल चोधरी को रखा गया है .24 अप्रैल को शिक्षा विभाग के इस जाँच दल ने विद्यालय के स्टाफ , कक्षा 9 के विद्यार्थियों और ग्रामीणों के बयान लिए .विभाग ने पीड़ित पक्ष को नोटिस जारी कर बुलाया कि वो तमाम दस्तावेज़ के साथ जाँच दल के सामने हाज़िर हो अन्यथा एकतरफा कार्यवाही कर दी जाएगी ,पीड़ित छात्र के पिता गोपाल लालावत ने इसे अपमानजनक माना तथा जाँच दल के समक्ष नहीं पंहुचे ,नतीजा यह हुआ की वाकई शिक्षा विभाग ने एकतरफा रिपोर्ट बनाते हुए आरोपी शिक्षक को क्लीन चिट दे दी है.जबकि इतने गंभीर मामले में आरोपी अध्यापक निलंबित होना चाहिए मगर उसे बरी कर दिया जाना पूरी जाँच पर ही सवाल खड़े कर रही है .

पीड़ित पक्ष का कहना है कि जाँच अधिकारी अनिल चौधरी एवं दिनेश शर्मा ने जाँच करने के बजाय लीपापोती की है क्यूंकि वे जाँच नहीं कर रहे थे बल्कि हमें समझाने आये ,एक जाँच कर्ता अनिल चौधरी ने पीड़ित छात्र के पिता को कहा कि शारीरिक शिक्षक विक्रम सिंह की तरफ से मैं माफ़ी मांगता हूँ.गाँव वालो से लिखवाया गया कि विक्रम सर तो बहुत अच्छे है ,किसी को पीटते नहीं है,प्यार से ही बोलते है.उन्हें फसाया जा रहा है.

अब सोचिये भला ऐसी स्थिति में क्या होता ,वही न जो अब हुआ है.

बयान -6

मोहन लाल (ग्रामीण )

शारीरिक शिक्षक विक्रम सिंह सब बच्चों को सूअर के बच्चे ही कह कर पुकारता है ,खासकर दलित बच्चों को जातिगत गालियाँ देते है.मारपीट करना ,शारीरिक दण्ड देना तथा बच्चों को मानसिक प्रताड़ना देना तो उसका रोज का काम है .अब तक कई बच्चे स्कूल छोड़ चुके है.प्रभु लाल पिता बद्री लाल रेगर और नौरत मॉल पिता कालू राम बैरवा इसी साल इस टीचर के डर से स्कूल छोड़ गए है.इस आदमी का दलित छात्रों के साथ व्यव्हार बहुत ही दुखद है ,बच्चों को रेगरेड,चमारटे,ढ़ोलडे कह कर अपमानित करता है.

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निष्कर्ष –

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पीड़ित छात्र ,पीड़ित परिवार ,गवाह ,ग्रामीणों तथा जांचकर्ताओं से की गयी बातचीत और दस्तावेजात के अध्ययन के पश्चात तथ्यान्वेषी दल को लगता है कि शारीरिक शिक्षक विक्रम सिंह आदतन मारपीट करते है और दलित स्टूडेंट्स को जातिगत रूप से अपमानित करते है.मासूम विद्यार्थियों को प्रताड़ित करना तो आम बात है .

(भीलवाड़ा जिले में शारीरिक दण्ड देने के कई मामले उजागर होते रहे है ,लेकिन पुख्ता कार्यवाही नहीं होने की वजह से ऐसी शरमनाक बात है .आसीन्द ब्लाक के पाटन स्कूल के एक शिक्षक ने 15 बच्चों की पिटाई करके उन्हें घायल कर दिया .बोरडा स्कूल में 50 लड़कियों के बाल सिर्फ इसलिए काट दिए गये क्योंकि वे चोटी बना कर नहीं आई .सिरदियास स्कूल के दलित छात्रों से मारा हुआ कुत्ता घसीटवाया

गया और अब सरेरी में दलित छात्र को सिर्फ इसलिए जातिगत अपमान और प्रताड़ना झेलनी पड़ी ,क्यूंकि

पांव में छाले होने की वजह से वो चप्पल पहन कर स्कूल चला गया )

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तथ्यान्वेषी दल के सुझाव

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शारीरिक शिक्षक विक्रम सिंह जाट को तुरंत गिरफ्तार किया जाये .

उसे तत्काल निलंबित किया जाना आवश्यक है ताकि सभी बच्चे भय मुक्त हो कर पढाई कर सके ,

पीड़ित छात्र भगवती लाल लालावत को सुरक्षा ,इलाज़ तथा मुआवजा दिलाया जाये

जिन विद्यार्थियों ने विक्रम सिंह के डर से स्कूल छोड़ दिया है ,उन्हें वापस स्कूल से जोड़ा जाये

विद्यालयों में दलित स्टूडेंट्स को जातिगत नामों से न तो पुकारा जाये और न ही उन्हें अपमानित किया जाये ,यह सुनिश्चित किया जाये

किसी भी स्कूल में किसी भी बच्चे को शारीरिक दण्ड नहीं दिया जाये ,ऐसी व्यवस्था की जाये .

—————————————————————————————————————————उपरोक्त मामले में किसी भी तरह की जानकारी या बातचीत के लिए सम्पर्क कर सकते है-

भंवर मेघवंशी

सामाजिक कार्यकर्ता

अफ -15 ,मधुवन कॉलोनी ,टोंक फाटक ,टोंक रोड,जयपुर -302015,राजस्थान,

मोबाईल -09571047777.

ईमेल –[email protected]