कीलों का ,तारों का..

सबका कहना है..

मुल्क़ में सरहद जो बनवाये..बाँटे

और लड़ाये..

न उसको रहना है.

.न उसको सहना है…


कीलों का तारों का..सबका कहना है..


लहू छिड़क कर तिलक करो..

फंदे चूमों… दिल भगत करो…

जंजीरों की खनक कहे…….

जेलें तो गहना है….

कीलों का तारों का..सबका कहना है..

Deepak Kabir