आधार कार्ड बना परेशानी, बिना इलाज घर लौटे अधिकतर मरीज
सामान्य अस्पताल का ऑन लाइन सिस्टम मरीजों के लिए परेशानी बनता जा रहा है। अब दो दिन से हरेक मरीज के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। आधार कार्ड दिखाने के बाद ही इलाज के लिए ट्रीटमेंट स्लिप (इलाज पर्ची) बनेगी। दरअसल ऑनलाइन सिस्टम के बाद कंप्यूटराइज्ड होने वाले मरीजों के डाटा में आधार कार्ड का यूनिक नंबर भी लिया जा रहा है ताकि सहीं मरीज ही अपनी ट्रीटमेंट स्लिप बनवाये। किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा न हो। बेशक यह लोगों की सुविधाओं के लिए है मगर फिलहाल यह आफत बना है। शुक्रवार को आधार कार्ड नहीं होने पर अनेक मरीजों को बिना इलाज के ही घर लौटना पड़ा। ट्रीटमेंट स्लिप बनाने वाले कर्मचारियों ने कहा कि उच्च अधिकारियों के निर्देश है कि आधार कार्ड वाले मरीजों की ही ट्रीटमेंट स्लिप बने अन्यथा नहीं।
करीब 12 सौ ओपीडी, चार सौ से ज्यादा बिना इलाज के लौटे
सामान्य अस्पताल की औसतन करीब 12 सौ ओपीडी रहती है। शुक्रवार को भी भीड़ उमड़ी मगर आधार कार्ड नहीं होने के कारण चार सौ के करीब मरीज बिना इलाज के लौटने को मजबूर हुए। कुछ इसके लिए अस्पताल प्रशासन को भी कोसते नजर आए। आधार कार्ड के कारण काफी मरीज लौटे तो अस्पताल की ओपीडी में भी शुक्रवार को 10 बजे के बाद भीड़ काफी कम नजर आई।
खूब होता था फर्जीवाड़ा
कोई भी व्यक्ति किसी अन्य के नाम से ट्रीटमेंट स्लिप बनवाकर इलाज करवाता, भर्ती हो जाता। संबंधित व्यक्ति किसी अन्य जगह कुछ कर रहा होता है। इस तरह के फर्जीवाड़े खूब हुए। एक आपराधिक मामले में पिछले दिनों दादरी क्षेत्र के एक गांव में पुलिस पार्टी पर हमला किया गया। हमले में एक नामी बदमाश भी था। मगर केस में उक्त बदमाश को दूसरे जिले के एक अस्पताल में उस दिन और उसी समय दाखिल दिखाया गया। इस तरह खूब फर्जीवाड़े किए जाते है। आधार कार्ड लिंक होने से यह फर्जीवाड़ा रुकने की संभावना है।
इलाज के लिए भी इंतजार
ट्रायल के बाद अब ऑन लाइन सिस्टम को पूरी तरह लागू कर दिया गया है। इसमें चिकित्सक को मरीज की जांच करने के साथ मरीज के इलाज संबंधित सारा रिकार्ड भी ऑनलाइन अपडेट करना होगा। इससे समय ज्यादा लग रहा है और एक-एक मरीज की जांच और रिकार्ड अपडेट करने में 10 से 15 मिनट लग रहे है। ऐसे में पहले जहां एक चिकित्सक दो सौ तक मरीजों की जांच करते थे वहीं अब इसमें काफी कमी आई है। मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
बेटा, भाड़ा लगा कै आई हूं, इस बार बना दयो
बेटा 130 रपये भाड़ा लगा कै आई सूं, इस बार बना दयो, आगली बर लियाउंगी आधार कारड। यह गुहार बाढड़ा क्षेत्र के एक गांव से पहुंची बुजुर्ग महिला ने लगाई। मगर कर्मचारियों ने उसकी भी एक नहीं सुनी। जिस कारण बुजुर्ग महिला को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें भी आदेश है कि आधार कार्ड के बिना ट्रीटमेंट स्लिप नहीं बनानी।

October 23, 2016 at 5:28 pm
Relating medical treatment with possession of aadhar card is very pathetic. This is denying right to life to the poor and down- trodden. This should be challenged in court.