RIHAI MANCH
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
———————————————————————————-
मोदी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए आतंकवाद के नाम पर निर्दोषों को
पकड़ रही है आईबी-रिहाई मंच

कल 24 मार्च को रिहाई मंच राजनीतिक दलों को सम्बोधित अपना मांग पत्र जारी करेगा

लखनऊ 23 मार्च /2014। रिहाई मंच ने इंडियन मुजाहिदीन के नाम पर राजस्थान
से 4 मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी को आईबी द्वारा चुनाव में आतंकवाद का
हौव्वा खड़ा करने के लिए किया गया सियासी ड्रामा करार दिया है। संगठन का
मानना है कि खुफिया एजेंसियां इस मुगालते का शिकार हो गई हैं कि मोदी
प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और इसीलिए उनके जान का खतरा दिखाते हुए
झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के बाद अब राजस्थान से इंडियन
मुजाहिदीन के नाम पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं। एजेंसियों को लगता है
कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिर उन्हें इशरत जहां, सादिक जमाल
मेहतर जैसे निर्दोषों को मारने की खुली छूट मिल जाएगी।

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि जिस तरह से मोदी पर हमले का
हौव्वा आईबी खड़ा कर रही है उसमें इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि
आईबी हिन्दुत्वादी गिरोहों के साथ मिलकर देश में आतंकी वारदातों को अंजाम
दे सकती है। जैसा उसने पटना की रैली में करवाया और फिर देशभर से मुस्लिम
नौजवानों को इस घटना के नाम पर पकड़ा। आईबी के इस टेरर प्लाॅट में देश के
वो इलाके जो मुस्लिम बाहुल्य हैं वहां के लोग निशाने पर हैं। इसीलिए
राजस्थान के साथ ही दिल्ली के जामियानगर इलाके को भी दुबारा बदनाम करने
की कोशिश की जा रही है।

सामाजिक संगठन अवामी कौंसिल के महासचिव असद हयात ने कहा कि आगामी लोकसभा
चुनाव में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए सभी तथाकथित सेक्युलर
राजनीतिक दल कहते फिर रहे हैं कि मुस्लिम वोट ही इसे रोकेगा। इसलिए ऐसे
राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे इन गिरफ्तारियों पर अपनी स्थिति स्पष्ट
करें। उन्होंने कहा कि एक तरफ मुजफ्फरनगर में मुस्लिमों को दंगे में झोका
गया तो दूसरी तरफ उन पर आतंकवाद का लेबल लगा कर राजनीितक ध्रुवीकरण का
उन्हें हथियार बनाया गया। राजस्थान में हुयी गिरफ्तारियां भी इसी
ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा हैं।

रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि यासीन भटकल
आईबी का अपना माॅड्यूल है जिसे एजेंसियां इस्तेमाल कर रही हैं। इसीलिए
चुनाव से ठीक पहले उसे और उसके कथित साथियों को गिरफ्तार दिखाकर आतंकवाद
के सवाल को चुनावी एजेंडा बनाने की कोशिश की जा रही है। प्रवक्ताओं ने
कहा कि खुफिया एजंेसियों को पहले बताना चाहिए कि जिस बिजनौर निवासी नासिर
को लखनऊ से गिरफ्तार करने और उसके पास से भारी मात्रा में आरडीएक्स
बरामदगी का दावा किया था वह सात साल बाद कैसे बरी हो गया। उन्होंने कहा
कि जब भी ऐसे फैसले आते हैं जिसमें खुफिया एजेंसियों की झूठी कहानी अदालत
में बेनकाब हो जाती है तब जनता का ध्यान अपनी आपराधिक कार्रवाईयों पर से
हटाने के लिए वे आतंकवाद के नाम पर निर्दोषों को फंसाने के लिए ऐसी
गिरफ्तारियां करती हैं।

प्रवक्ताओं ने बताया कि रिहाई मंच 24 मार्च, सोमवार को साढ़े ग्यारह बजे
लोहिया भवन, नरही, लखनऊ से राजनीतिक दलों को सम्बोधित मांग व सुझाव पत्र
जारी करेगा।

द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
———————————————————————————-
Office – 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
https://www.facebook.com/rihaimanch