सुप्रीम कौर्ट सारे जहां से ऊपर हो गया
जो 150 साल के काले इतिहास में नहीं हुआ
वो रात के एक पहर में हो गया
बलि के लिए बकरे की जगह इंसान चढ़ गया
महामहिम बूढ़ा होने के बाद भी खूंखार निकल गया
आतंकवाद की खातिर याकूब इंसान बन गया
काले कोट की चाव में सारा दरबार बिक गया
सत्ता के दलालों के आंगे लोकतंत्र झुक गया
बमों के धमाकों से जिंदगी रूकती नहीं
फांसी के फंदों से जम्हूरियत बदलती नहीं
वक्त जमीं से चाँद पार कर गया
पर अँधा कानून अँधा का अँधा ही रह गया
याकूब तो याकूब ही रह गया
सुप्रीम कौर्ट सारे जहां से ऊपर हो गया
कुत्तों की पाठशाला में गधा बेरिस्टर बन गया
पर नंगा लोकतंत्र नंगा का नंगा ही रह गया
याकूब तो याकूब ही रह गया
सुप्रीम कौर्ट सारे जहां से ऊपर हो गया ………………..
के एम् भाई
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